Namami Gange Yojana 2024: देश के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने अपने 18वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद नमामि गंगे योजना शुरू की थी। नमामि बंदे योजना के अंतर्गत गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों के पुनरुद्धार के लिए 10 जुलाई 2014 को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा घोषणा की गयी थी।
गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों की साफ सफाई के लिए Namami Gange Yojana को 2014 में 20,000 हजार करोड़ के बजट से शुरू किया गया था। किंतु उसके बाद नमामि गंगे योजना की आवश्यकता और प्रसार की जरूरत हो को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने मामि गंगे मिशन-II को 22 हजार 500 करोड़ बजटीय परिव्यय 2026 तक के लिए मंजूरी दी गई है।
Namami Gange Yojana 2024 क्या है?
Namami Gange Yojana को केंद्र सरकार ने 2024 में शुरू किया था। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों की सफाई करके उन्हे पुनर्जीवन देने के लिए शुरू की गई एक कल्याणकारी योजना है। जैसा भी आप सब जानते हैं कि राष्ट्रीय नदी गंगा, जिसे गंगा मां भी कहा जाता है। यह गंगा नदी दिन पर दिन दूषित होती जा रही है। इसलिए गंगा नदी की साफ-सफाई करने कराने के लिए भारत सरकार द्वारा नमामि गंगे योजना को शुरू किया गया है।
केंद्र सरकार द्वारा नमामि गंगे योजना के लिए 20 हजार करोड़ रुपए के साथ शुरू किया गया था। यह एक व्यापक एवं समग्र दृष्टिकोण पर केंद्रित है। इसके अलावा सरकार द्वारा इस योजना में सीवेज उपचार, रिवरफ्रंट विकास, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और सार्वजनिक भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग गतिविधियां शामिल की गई हैं।
Namami Gange Yojana 2024 Overview
आर्टिकल का नाम | Namami Gange Yojana 2024 |
योजना का नाम | नमामि गंगे योजना |
योजना कब शुरू हुई | वर्ष 2014 में |
किसके द्वारा शुरू की गई | भारत सरकार द्वारा |
योजना का उद्देश्य | राष्ट्रीय नदी गंगा को स्वच्छ बनाना |
संबंधित विभाग | जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग – भारत सरकार |
Official Website | https://nmcg.nic.in/ |
Helpline Number | +91-011-23072900-901 |
Namami Gange Yojana का उद्देश्य
केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई नमामि गंगे योजना का मुख्य उद्देश्य गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों को स्वच्छ बनाना है। जिससे यह नदी अपना ऐतिहासिक महत्व ना खो सके और भारत में साफ पानी की कमी ना हो। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, लगभग 500 मिलियन से भी ज्यादा लोग गंगा नदी बेसिन पर निर्भर हैं। जो चीन, नेपाल, भारत और बांग्लादेश तक फैला हुआ है।
- इस योजना का उद्देश्य प्रदूषण को कम करके नदियों का संरक्षण सुनिश्चित करना है।
- इस योजना के अंतर्गत सीवेज उपचार और सीवेज बुनियादी ढांचे को बनाना है। जिससे गंगा नदी के किनारे स्थित कस्बों और शहरों से आने वाले गंदे पानी को पवित्र गंगा नदी में जाने से रोका जाए। जिससे गंगा का प्रदूषण भार कम हो सकेगा।
- साथ ही साथ इधर-उधर से आने वाले कचरे को भी गंगा नदी में जाने से रोका जाएगा। क्योंकि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नमामि गंगे योजना की शुरुआत की गई है।
- इस योजना का उद्देश्य नदी के किनारे वनरोपण और जैव विविधता संरक्षण को बढ़ावा देना भी है।
- इस योजना का महत्व लोगों के बीच जागरूकता और सार्वजनिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना है।
- नमामि गंगे योजना का उद्देश्य सतही प्रभाव और भूजल स्तर को बढ़ाना और उसे बनाए रखना है।
Namami Gange Yojana की विशेषताएं
भारत सरकार द्वारा शुरू की गई नमामि गंगे परियोजना की कुछ प्रमुख विशेषताएं हैं जिनके बारे में हमने नीचे बताया है:-
- नमामि गंगे योजना केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई योजना है। जो पूरे भारत के लिए शुरू की गई है।
- नमामि गंगे योजना गंगा नदी को साफ करने एवं उसका संरक्षण करने के लिए लागू की गई है।
- सरकार नमामि गंगा योजना के माध्यम से नदी के किनारे वनरोपण एवं जैव विविधता संरक्षण कर रही है।
- इस योजना के अंतर्गत सीवेज उपचार और सीवेज बुनियादी ढांचे का का भी निर्माण कार्य किया जा रहा है, और यह कार्य आगे ऐसे ही चलता रहेगा। जिससे गंगा नदी दूषित ना हो सके।
- नमामि गंगे योजना भारत सरकार के जल संसाधन मंत्रालय, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग, जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत आती है।
- इस योजना को राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की तरफ से कार्यान्वित किया जा रहा है।
Namami Gange Yojana के प्रमुख स्तंभ
- सीवरेज ट्रीटमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर
- जैव विविधता
- औद्योगिक अपशिष्ट निगरानी
- वनरोपण
- जन जागरूकता
- नदी तट का विकास
- नदी की सतह की सफाई
- गंगा ग्राम की स्थापना।
Namami Gange Yojana का महत्व
दोस्तों, जैसा कि आप सब जानते हैं कि, जल के बिना हम अपने इस जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। इसलिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई Namami Gange Yojana का हमारे जीवन में अत्यधिक महत्व है। क्योंकि बढ़ते हुए शहरीकरण के साथ गंगा भी लगातार प्रदूषित होती जा रही है। जिसको साफ करना बेहद जरूरी हो गया है। यह कार्य नमामि गंगा योजना के अंतर्गत किया जा रहा है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, गंगा नदी वर्तमान समय में देश की लगभग 43% आबादी के भरण पोषण का केंद्र है। गंगा नदी कई चीजों में सहायता प्रदान करती है। जैसे- कृषि, मत्स्य पालन आदि। ऐसे में गंगा नदी को स्वच्छ बनाए रखने के लिए नमामि गंगे मिशन का महत्व बढ़ जाता है।
Namami Gange Yojana की प्रमुख उपलब्धियां
- सीवरेज उपचार क्षमता का निर्माण – Namami Gange Yojana के अंतर्गत अब तक 31,810 करोड़ रुपये की कुल लागत से 1 विकेन्द्रीकृत मॉड्यूलर परियोजना सहित 200 सीवरेज अवसंरचना परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इन परियोजनाओं में से 116 परियोजनाएं पूरी और चालू हो चुकी हैं, जबकि बची हुई परियोजनाएं कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं।
- नदी तट विकास – इसके माध्यम से अब तक 286 घाटों/श्मशानों के और कुंडों/तालाबों के निर्माण, आधुनिकीकरण और नवीनीकरण के लिए 84 घाटों/श्मशानों की परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है।
- नदी सतह की सफाई – केंद्र सरकार द्वारा घाटों और गंगा नदी की सतह पर तैरते हुए ठोस अपशिष्ट को इक्कठा करके उसे खतम करने के लिए नदी सतह की साफ-सफाई का काम जारी है। अब तक 11 स्थानों पर इस कार्यक्रम को शुरू कर दिया गया है।
- जैव विविधता संरक्षण – नमामि गंगे योजना के माध्यम से कई जैव-विविधता संरक्षण परियोजनाएं चल रही हैं, जिनमें मछली और मत्स्य संरक्षण, गंगा नदी डॉल्फिन संरक्षण आदि कई परियोजनाएं शामिल हैं।
- वनीकरण – वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई), देहरादून ने 2293.73 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड के गंगा नदी के किनारे के राज्यों में 1,34,106 हेक्टेयर क्षेत्र में वनीकरण के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की है।
- जन जागरूकता – गंगा नदी को स्वच्छ बनाए रखने के लिए और नमामि गंगे योजना को सफल बनाने के लिए विभिन्न जन जागरूकता कार्यक्रम किए जा रहे हैं। इसके जरिए गंगे थीम सांग को व्यापक रूप से जारी किया गया और उसे डिजिटल मीडिया पर काफी चलाया गया, ताकि कार्यक्रम की दृश्यता बढ़ाई जा सके और आज स्वयं से कई अन्य लोग व संस्थाएं नदीयों की सफाई में लगे हुए हैं।
- औद्योगिक अपशिष्ट निगरानी – Namami Gange Yojana तहत 1072 घोर प्रदूषण करने वाले उद्योगों (जीपीआई) में से 885 में सीपीसीबी सर्वर से ऑनलाइन सतत उत्सर्जन निगरानी स्टेशन (ओसीईएमएस) कनेक्टिविटी स्थापित की गई।
- गंगा ग्राम – 5 गंगा बेसिन राज्यों (उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल) की 1674 ग्राम पंचायतों में शौचालयों के निर्माण के लिए पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय (MoDWS) को इस योजना के जरिए 578 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। इस योजना के तहत लक्षित 15,27,105 इकाइयों में से MoDWS ने 8,53,397 शौचालयों का निर्माण पूरा कर लिया है।
Related FAQs-
Q1. नमामि गंगे योजना के मुख्य स्तंभ कौन से हैं?
सीवरेज ट्रीटमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर
जैव विविधता
औद्योगिक अपशिष्ट निगरानी
वनरोपण
जन जागरूकता
नदी तट का विकास
नदी की सतह की सफाई
गंगा ग्राम की स्थापना।
Q2. नमामि गंगे योजना की शुरुआत कब हुई थी?
Namami Gange Yojana को केंद्र सरकार ने 2024 में शुरू किया था। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों की सफाई करके उन्हे पुनर्जीवन देने के लिए शुरू की गई एक कल्याणकारी योजना है।
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